रीतिकाल के कवि
रीतिकाल का साहित्य अनेक अमूल्य रचनाओं का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी भाषा का नहीं है और न ही किसी अन्य भाषा की परम्परा का साहित्य एवं रचनाएँ अविच्छिन्न प्रवाह के रूप में इतने दीर्घ काल तक रहने पाई है। रीतिकाल के कवि और उनकी रचनाएँ, रीतिकाल की रचनाएँ और रचनाकार उनके कालक्रम की द्रष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। रीतिकाल की मुख्य रचना एवं रचयिता या रचनाकार इस list में नीचे दिये हुए हैं। रीतिकाल के कवि और उनकी रचनाएँ – Today we share about रीतिकाल के प्रमुख कवि कौन हैं, रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों के नाम एवं उनकी 22 रचनाएं, रीतिकालीन काव्य एवं लक्षण ग्रंथों की परंपरा, रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएं pdf, रीति काव्य की प्रमुख धाराओं का परिचय दीजिए, रीतिकाल का वर्गीकरण, रीतिकाल की परिभाषा
रीतिकाल के कवि और उनकी रचनाएँ
क्रम | रचनाकार | उत्तर–मध्यकालीन/रीतिकालीन रचना |
No.-1. | चिंतामणि | कविकुल कल्पतरु, रस विलास, काव्य विवेक, शृंगार मंजरी, छंद विचार |
No.-2. | मतिराम | रसराज, ललित ललाम, अलंकार पंचाशिका, वृत्तकौमुदी |
No.-3. | राजा जसवंत सिंह | भाषा भूषण |
No.-4. | भिखारी दास | काव्य निर्णय, श्रृंगार निर्णय |
No.-5. | याकूब खाँ | रस भूषण |
No.-6. | रसिक सुमति | अलंकार चन्द्रोदय |
No.-7. | दूलह । | कवि कुल कण्ठाभरण |
No.-8. | देव | शब्द रसायन, काव्य रसायन, भाव विलास, भवानी विलास, सुजान विनोद, सुख सागर तरंग |
No.-9. | कुलपति मिश्र | रस रहस्य |
No.-10. | सुखदेव मिश्र | रसार्णव |
No.-11. | रसलीन | रस प्रबोध |
No.-12. | दलपति राय | अलंकार लाकर |
No.-13. | माखन | छंद विलास |
No.-14. | बिहारी | बिहारी सतसई |
No.-15. | रसनिधि | रतनहजारा |
No.-16. | घनानन्द | सुजान हित प्रबंध, वियोग बेलि, इश्कलता, प्रीति पावस, पदावली |
No.-17. | आलम | आलम केलि |
No.-18. | ठाकुर | ठाकुर ठसक |
No.-19. | बोधा | विरह वारीश, इश्कनामा |
No.-20. | द्विजदेव | श्रृंगार बत्तीसी, श्रृंगार चालीसी, श्रृंगार लतिका |
No.-21. | लाल कवि | छत्र प्रकाश (प्रबंध) । |
No.-22. | पद्माकर भट्ट | हिम्मत बहादुर विरुदावली (प्रबंध) |
No.-23. | सूदन | सुजान चरित (प्रबंध) |
No.-24. | खुमान | लक्ष्मण शतक |
No.-25. | जोधराज | हमीर रासो |
No.-26. | भूषण | शिवराज भूषण, शिवा बावनी, छत्रसाल दशक |
No.-27. | वृन्द | वृन्द सतसई |
No.-28. | राम सहाय दास | राम सतसई |
No.-29. | दीन दयाल गिरि | अन्योक्ति कल्पद्रुम |
No.-30. | गिरिधर कविराय | स्फुट छन्द |
No.-31. | गुरु गोविंद सिंह | सुनीति प्रकाश, सर्वसोलह प्रकाश, चण्डी चरित्र |