Nipat Avdharak : किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात (अवधारक) कहते है। जैसे :- भी , तो , तक , केवल , ही , मात्र आदि। Today we share about निपात की परिभाषा और प्रकार, निपात शब्द का अर्थ क्या है, निपात वाक्य, यह तो होना ही था।’- वाक्य में निपात अव्यय कौन सा है? *, निपात कितने भेद होते हैं, निपात शब्द का अर्थ in English, निपात संस्कृत, हमारे देश की रक्षा नौजवानों ने ही की वाक्य में निपात है
निपात के उदाहरण: Nipat Ke Udaharan
No.-1. तुम्हें आज रात रुकना ही पड़ेगा।
No.-2. तुमने तो हद कर दी।
No.-3. कल मै भी आपके साथ चलूँगा।
No.-4. गांधीजी को बच्चे तक जानते है।
No.-5. धन कमा लेने मात्र से जीवन सफल नहीं हो जाता।
निपात के भेद: Nipat Ke Bhed
No.-1. यास्क ने निपात के तीन भेद माने है-
No.-2. उपमार्थक निपात: यथा- इव, न, चित्, नुः
No.-3. कर्मोपसंग्रहार्थक निपात: यथा- न, आ, वा, ह;
No.-4. पदपूरणार्थक निपात: यथा- नूनम्, खलु, हि, अथ
No.-5. यद्यपि निपातों में सार्थकता नहीं होती, तथापि उन्हें सर्वथा निरर्थक भी नहीं कहा जा सकता। निपात शुद्ध अव्यय नहीं है; क्योंकि संज्ञाओं, विशेषणों, सर्वनामों आदि में जब अव्ययों का प्रयोग होता है, तब उनका अपना अर्थ होता है, पर निपातों में ऐसा नहीं होता। निपातों का प्रयोग निश्र्चित शब्द, शब्द-समुदाय या पूरे वाक्य को अन्य भावार्थ प्रदान करने के लिए होता है।
निपात के कार्य
No.-1. निपात के निम्नलिखित कार्य होते हैं-
No.-1. पश्र- जैसे : क्या वह जा रहा है ?
No.-2. अस्वीकृति- जैसे : मेरा छोटा भाई आज वहाँ नहीं जायेगा।
No.-3. विस्मयादिबोधक- जैसे : क्या अच्छी पुस्तक है !
No.-4. वाक्य में किसी शब्द पर बल देना- बच्चा भी जानता है।
निपात के प्रकार: Nipat Ke Prakar
निपात के नौ प्रकार या वर्ग हैं-
No.-1. स्वीकार्य निपात- जैसे : हाँ, जी, जी हाँ।
No.-2. नकरार्थक निपात- जैसे : नहीं, जी नहीं।
No.-1 स्वीकृतिबोधक निपात – हा,जी,जीहाँ
No.-2 नकारबोधक निपात – जीनहीं,नहीं
No.-3 निषेधबोधक निपात – मत
No.-4 प्रश्नबोधक निपात – क्या
No.-5 विस्मयबोधक निपात – क्या,काश
No.-6 तुलनाबोधक निपात – सा
No.–7 अवधारणाबोधक निपात – ठीक,करीब,लगभग,तकरीबन
No.-8 आदरबोधक निपात – जी
No.-9 बल प्रदायकबोधक निपात – तो,ही,भी,तक,भर,सिर्फ,केवल